Rahi nagufta mere dil mein dastan meri...

रही नगुफ़्ता मेरे दिल में दास्ताँ मेरी
न इस दयार में समझा कोई ज़बाँ मेरी
बरंग-ए-सौत-ए-जरस तुझ से दूर हूँ तनहा
ख़बर नहीं है तुझे आह कारवाँ मेरी
उसी से दूर रहा अस्ल-ए-मुद्दा जो था
गई ये उम्र-ए-अज़ीज़ आह रायगाँ मेरी
तेरे फ़िराक़ में जैसे ख़याल मुफ़्लिस का
गई है फ़िक्र-ए-परेशाँ कहाँ कहाँ मेरी
दिया दिखाई मुझे तो उसी का जल्वा “मीर”
पड़ी जहाँ में जा कर नज़र जहाँ मेरी
Mir taqi mir
Meaning
“My story remained untold in my heart,
no one understood the essence of my words, in this world.
I have stayed far from my real purpose,
my beloved life has gone wasted,
no one understood the essence of my words, in this world”