मत करो विश्वास,
मत करो विश्वास केवल इसलिए,
क्यूंकि वोह तुम्हे बताया है,
या परंपरा से फसाया है ,
या कि तुमने उसको सोचकर अपना लिया है ,
मत करो विषवास उसका जो बताया है गुरु ने तुम्हारे ,
क्यूंकि श्रद्धा है तुम्हारी गुरु के लिए,
तुम परिक्षण करो , स्वयं ही उचित विश्लेषण करो,
और जब पाओ कि विचार सबके लाभ का है,
बहुजन की बलाई का है,
कल्याण का सब प्राणियों के लिए,
तुम करो विश्वास उसका,
और जुड़ कर रहो उससे,
वही एक होगा पथ प्रदर्शक,
क्यूंकि वोह विश्वास होगा स्वनिर्मित,
इसलिए होगा स्वनिश्चित
Mat Karo vishwas,
Mat Karo vishwas kewal isliye,
Kyunki woh tumhe bataya hai,
ya parampara se phasaya hai,
ya ki tumne usko soch kar apna liya hai,
Mat Karo vishwas uska jo bataya hai guru ne tumhare,
kyunki shraddha hai tumhari guru ke liye,
tum parikshan karo, swayam hi uchit vishleshan karo,
aur jab pao ki vichaar sabke laabh ka hai,
bahujan ki bhalai ka hai,
kalyan ka sab praniyon ke liye,
tum karo vishwas uska,
aur jud kar raho usse,
wahi ek hoga path pradarshak,
kyunki woh vishwas hoga swanirmit,
isliye hoga swanishchit....